बेंगलुरु: बेंगलुरु के जाने-माने समाजसेवी अभिषेक ब्रह्मर्षि “प्रियदर्शी” ग्रेजुएट एमएलसी बैंगलौर के नए उम्मीदवार। पिछले कई वर्षों से सामाजिक कार्य से जुड़े हुए हैं एवं कई सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा भी ले चुके हैं। अभिषेक प्रियदर्शी उत्तर भारतीय के हर तरह के सहायता और सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। 2024 में आने वाले ग्रैजुएट एमएलसी के चुनाव में हिस्सा ले कर अपनी किस्मत इस क्षेत्र में आजमाने वाले हैं। उन्हें इस चुनाव में भारी बहुमत से जीतने की उम्मीद दिखाई दे रही है। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी और यहाँ की जनता के प्रतअपनी विचार व्यक्त किए हैं।
ग्रेजुएट एमएलसी चुनाव के बारे में समाजसेवी अभिषेक प्रियदर्शी के मार्गदर्शक आलोक जी ने कहा कि मेरा मानना है कि एमएलसी चुनाव जो ग्रेजुएट कंसल्टेंसी क्षेत्र 2024 में होने जा रहा है,वह बेंगलुरु का सबसे बड़ा ऐतिहासिक चुनाव होने जा रहा है। क्योंकिअभी तक बेंगलुरु में कोई भी पार्षद, एमएलसी,विधायक,संसद के सदस्य आदि कोई भी हिंदी भाषा भाषा क्षेत्र से नहीं बना है। राज्यसभा में हमारे नाहर सिंह जी हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव,विधान परिषद का चुनाव और पार्षद के चुनाव में कोई भी हमारा हिंदी भाषा-भाषी अभी तक चुनाव नहीं लड़ा है। आज हमारे बीच एक होनहार नौजवान उपस्थित है जो पिछले10-15 सालों से बेंगलुरु को जानते हैं। जो बेंगलुरु में रहकर यहाँ के लोगों की सेवा करते हैं,वे यहाँ के लोगों के सुख-दुख के सहभागी हैं,अभिषेक ब्रह्मर्षि भी चुनाव मैदान में आए हैं। यह उत्तर भारतीयों विशेष कर के झारखंड,बिहार,उड़ीसा,बंगाल आदि तमाम हिंदी भाषी के लोगों के लिए एक शुभकामना का काम है। हमारे लिए सोचने का कार्य है कि एमएलसी चुनाव में हमारे हिंदी भाषा क्षेत्र के एक प्रत्याशी उतरे हैं। इसलिए हम सब को इस चुनाव के मैदान में बढ़-चढ़कर उनको उनकी मदद करनी चाहिए।
उन्होंने आगे लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि यहाँ के लोगों के लिए एक मौका है की वे एमएलसी चुनाव में हिस्सा लेकर अभिषेक ब्रह्मर्षि को विजयी बनाए। इससे उन लोगो के लिए नए मार्ग खुलेंगे और बेंगलुरु के हर कोने से चाहे वह पार्षद का क्षेत्र हो,चाहे विधायक का क्षेत्र हो, चाहे संसद के सदस्य का क्षेत्र हो सभी जगह हमारे साथियों का मनोबल बढ़ेगा। जिससे हम आगे भी चुनाव लड़ने के लिए तत्पर होंगे।
एमएलसी चुनाव के बारे में समाजसेवी अभिषेक ब्रह्मर्षि ने कहा कि बेंगलुरु एक कॉस्मोपॉलिटन शहर है। 20 साल से मैं समाज सेवक का काम कर रहा हूँ। जिसकी शुरुआत मेरे दादाजी से हुई है और आगे भी मेरी सेवा की भावना बनी रहेगी। बेंगलुरु में दुनिया भर से लोग आते हैं और देश भर के लोग यहाँ आकर निवास करते हैं। यहाँ भाषा के हिसाब से और संस्कृति के हिसाब से लोगों की संख्या बढ़ी है और उनके लिए भी कोई एक चेहरा चाहिए जो उनके समस्या को समझें,उन समस्याओ को बाँट सके और उसको दूर कर सके। किसी तरह की प्रशासनिक सहायता की जरूरत हो, राजनीतिक सहायता की जरूरत हो,तो उनको एक सहारा चाहिए। हमने पहले भी प्रयास किया है और आगे भी हमारे प्रयास जारी रहेगी कि लोगों की समस्याएँ सुन सके और उन उनके समस्याओं का समाधान कर सके। हमारा प्रयास करेंगे कि अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँच बना सके और हम लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कर सके।
मैं पूर्व में सेना में रह चुका हूँ। लाखों सैनिक यहाँ पर घर बन चुके हैं और उनके बच्चे यहाँ रह रहे हैं,नौकरी कर रहें हैं। उन सभी को भी एक प्रतिनिधि की जरूरत है। उस सेना समाज की ओर से,पूर्वांचल समाज की ओर से एक माँग थी और अभी भी यह माँग है कि एक ऐसे प्रतिनिधि की जरूरत है,जो हमारी प्रशासनिक और राजनीतिक सहायता कर सके। कभी-कभी ऐसी स्थिति हो जाती है कि लोग असहाय महसूस करते हैं,तो हमारी यह कोशिश है कि उनकी इस पीड़ा को समझ सके और उनकी इस पीड़ा को दूर कर सके। कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में हमलोग लोगों के समस्याओं से जुड़ कर,उसे दूर कर सकें।
आगे उन्होंने उत्तर भारतीयों के समस्याओं के बारे में कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था,सरकारी लाभ,हॉस्पिटल आदि के बारे में गरीबों और मजदूर तबकों के लिए बहुत सारी योजनाएँ हैं और उनको जानकारी नहीं है। अगर जानकारी है भी तो उन तक उनकी पहुँच नहीं है। हम उन सब कमियों को दूर करने का प्रयास करेंगे और संगठित तथा व्यवस्थित रूप से समाज के लिए काम करेंगे। मजदूर और गरीब तबके के लोगों के लिए कर्नाटक सरकार के पास बहुत सारी योजनाएँ है। लेकिन उन योजनाओं के बारे में गरीबों को और मजदूरों को जानकारी नहीं है। हमारा प्रयास रहेगा कि उन तक इस जानकारी को पहुँचाया जाए।